बच्चे का दिमाग कैसे तेज करें- अपनाएं ये आसान तरीके


माता पिता अपने बच्चों के लिए अनेकों सपने देखते है हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा हष्ट पुष्ट हो व तेज दिमाग वाला हो। लेकिन सवाल यह उठता है कि बच्चे का दिमाग कैसे तेज करें ? ऐसे क्या तरीके अपनाएं जिससे वे अपने बच्चे का दिमाग का विकास अच्छे से कर सके । इसलिए आज हम अपनी इस पोस्ट में आपको ऐसे ही कुछ तरीके बताने जा रहे हैं जिसे अपनाकर बच्चों के दिमाग का विकास किया जा सकता है।

जब हम स्कूल में पढ़ते थे तो हर क्लास में सभी बच्चों का दिमाग एक जैसा नहीं होता था । कहने का मतलब है कि कुछ बच्चे इंटेलिजेंट होते थे तो कुछ मीडियम और कुछ दिमाग से बिल्कुल ही कमजोर होते थे। इसी तरह हम घर में भी देख सकते हैं कि अगर एक घर में दो या तीन बच्चे हैं तो उनके दिमाग का लेवल अलग अलग होता है। और हम बच्चों का कंपैरिजन करने लगते हैं जो कि बिल्कुल गलत है। इसलिए बच्चों में कंपैरिजन ना करके पेरेंट्स को उनका दिमाग कैसे तेज करें इस पर ध्यान देना चाहिए। तो चलिए आगे हम आपको बताते हैं कि बच्चों का दिमाग तेज कैसे करें।

बच्चे का दिमाग तेज करने के तरीके

परिवार

बच्चे का दिमाग तेज करने में मुख्य भूमिका परिवार की होती है

परिवार बच्चे का दिमाग तेज करने में अहम भूमिका निभाता है । परिवार का वातावरण, माहौल कैसा है बच्चे के दिमाग के ऊपर पूरा असर डालता है। आपके परिवार में छोटे बच्चे हैं, और आपके परिवार में लड़ाई झगड़ा या टेंशन रहती है, तो वह बच्चे के दिमाग के विकास को रोक देता है यही नहीं परिवारिक लड़ाई झगड़े से बच्चे का शारीरिक व मानसिक दोनों तरह से विकास में रुकावट पैदा करती है। परिवारिक लड़ाई के कारण बच्चे हर समय भय में रहते हैं। जो उनके दिमाग पर बुरा असर डालता है। इसलिए अपने परिवारिक लड़ाई झगड़े को कभी भी अपने बच्चों के सामने ना करें। बच्चों के साथ हमेशा प्यार से रहे उन्हें हर वक्त प्रोत्साहन करें। पेरेंट्स बच्चे में कमियां ना निकाल कर उन्हें सही और गलत का फर्क बताएं। ऐसा करने से बच्चे में सकारात्मकता बनी रहेगी।और बच्चा हेल्थी रहेगा बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास अच्छे से होगा।

यह भी पढ़ें : बच्चे का दिमाग तेज करने के लिए खिलाएं न्युट्रिशनल फूड्स

बच्चे का दिमाग तेज करने के लिए दे जरूरी न्यूट्रिशन

बच्चे का दिमाग तेज करने के लिए दे जरूरी न्यूट्रिशन

जैसा अन वैसा मन ,तो सुना ही होगा। बच्चे के दिमाग का विकास सही से हो इसके लिए संतुलित और पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। बच्चे के भोजन में दिमाग तेज करने वाले न्यूट्रिशन अवश्य शामिल करें। अच्छे न्यूट्रिशन भरे खाने से बच्चे का शारीरिक विकास व मानसिक विकास दोनों होंगे। बच्चे को बादाम,अखरोट,किसमिस रात को भिगोकर सुबह नाश्ते में अवश्य दें। ये ड्राय फ्रूट्स दिमाग को नरिश करते हैं। बच्चे को हरी सब्जियां और फल खिलाएं। इससे बच्चे स्वस्थ रहेंगे और अच्छे से ग्रोथ होगी ।

अच्छी नींद

बच्चा हो या बड़ा नींद सभी के लिए जरूरी है।नींद लेने के बाद हमारा शरीर व दिमाग तरोताजा महसूस करता है। नींद न लेने के कारण सबसे गहरा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है।नींद और याददाश्त का आपस में गहरा कनेक्शन होता है। यदि बच्चे को पर्याप्त नींद मिले तो उसकी स्मरण शक्ति बढ़ सकती है। अच्छी नींद से बच्चों में सोचने, समझने और याद रखने की शक्ति का विकास होता है। इसलिए कोशिश करें कि बच्चे हर दिन एक निश्चित समय पर बेड पर जाएं।

यह भी पढ़ें : एक साल के बच्चों के खिलौने : जो करें बच्चे का सम्पूर्ण विकास

माइंड गेम्स

बच्चे का दिमाग तेज करें ये माइंड गेम्स

माइंड गेम का मतलब है कि ऐसे गेम खेलने को दिए जाए जो बच्चे को उस गेम को खेलते समय सोचना पड़े अपने दिमाग का प्रयोग करना पड़े। कुछ चुनौती पूर्ण खेल खिलाए, जैसे पजल गेम्स, रूबिक क्यूब या कोई ऐसी गेम्स जिसमे दिमाग लगाना पड़े, उन्हें ऐसी परिस्थिति का सामना करवाए जहा उन्हें वाकई में सोचना पड़े । ये गेम बच्चे के दिमाग का विकास करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

दिमागी कसरत

दिमागी कसरत

दिमाग तेज करने का सबसे प्रभावकारी तरीका है, दिमागी कसरत। इसके लिए आप बच्चों के साथ कोई दिमागी खेल जैसे – प्रश्नोत्तरी, शब्दकोश भरना या सही विकल्प चुनो खेल सकते हैं। दोस्तों की मदद से इस तरह के खेल खेले जा सकते हैं। यह बच्चे की याददाश्त को बढ़ाने के साथ ही याद रखने की इच्छा भी बनाए रखेगा।

बच्चे को अलग- अलग जगहों का भ्रमण करवाना

बच्चे का दिमाग तेज करने के लिए भ्रमण करवाएं

देखी गई चीजें हमारे दिमाग में ज्यादा याद रहती है।जब भी छुट्टियां हो बच्चों को अलग-अलग जगह का भ्रमण अवश्य करवाएं। उस जगह के बारे में सारी नॉलेज दें। बच्चे से आकर उस जगह के बारे में आप पूछें। इससे बच्चे की याददाश्त तेज होती है। जितना ज्यादा आप बच्चे को बाहर घूमाऐंगें बच्चे की यादाश्त उतनी ही ज्यादा बढ़ती जाती है। इससे बच्चों ज्यादा से ज्यादा जानकारियां हासिल कर सकता है।

गणित

गणित से करें बच्चे का दिमाग तेज

गणित को हम कभी रट नहीं सकते इसलिए गणित का काम हमेशा दिमाग से ही किया जाता है। गणित के सवालों को सॉल्व करना एक पजल को सॉल्व करने जैसा ही होता है उसमें उतना ही दिमाग का यूज किया जाता है जितना हम पजल सॉल्व करने में करते हैं।यही कारण है कि जिन लोगों की गणित में अधिक रूची होती है, वे अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा बुद्ध‍िमान होते हैं। बचपन से ही बच्चे को गणित का अच्छा अभ्यास होना उसके दिमाग को तेज करने में मदद करता है।

पजल / पहेली

पहेलियों से बढ़ाएं स्मरण शक्ति

पहेलियों का दौर तो सदियों से चला आ रहा है । बचपन में दादा नानी पहेली पूछते थे तो हम उसका उत्तर खोजने के लिए अपने दिमाग पर जोर डालते थे। जिसके कारण हमारे दिमाग की अच्छे से कसरत होती है और यही कारण है कि पहेलियों से स्मरण शक्ति बढ़ती है। पहेलियों पर शोध भी हो चुका है, जिससे यह साबित होता है कि पजल खेलने से बच्चे की स्मरण शक्ति पर असर पड़ता है।

योगासन

दिमाग तेज करने के लिए योगासन करें

हलासन स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए हलासन किया जा सकता है। बच्चों के लिए इस आसन को सबसे ज्यादा कारगर माना गया है क्योंकि यह एकाग्रता बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग को तेज करने में काफी ज्यादा मददगार साबित होता है।

ताड़ासन की मदद से याददाश्त तेज की जा सकती है। यह आसन बहुत ही अच्छा माना जाता है। इस आसन की मदद से तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में भी मदद मिलती है।

बच्चे पर दबाव ना डाले

आजकल सभी जगह पेरेंट्स में एक ट्रेंड बन गया है। सभी पेरेंट्स अपने बच्चों पर हद से ज्यादा दबाव डालते हैं वे चाहते हैं कि उनका बच्चा सबसे आगे रहे । जिसके कारण बच्चों में भय का कारण बना रहता है दबाव के कारण बच्चे पहले से अधिक भूलने लगते हैं। पेरेंट्स को ऐसा ना करके बच्चे में आने वाली खामियां और कमियों को पहचान कर उनको दूर करने में हेल्प करनी चाहिए। बच्चे को जिस किसी चीज में रूचि हो उस को बढ़ावा देना चाहिए ऐसा करने से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह दिमागी तौर से मजबूत होंगे।

सीखने के लिए करें प्रोत्साहित

बच्चों का मानसिक विकास बेहतर करने के लिए आप उन्हें नई चीजों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे उनके अंदर सीखने की इच्छा विकसित होती है। इसके लिए आप अपने बच्चों को एक सुरक्षित क्षेत्रों में खेलने दें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें किसी तरह की चोट न लगे। अगर आपका बच्चा कुछ नया कर रहा है, तो मुस्कुराकर और उनसे इस बात के लिए शाबाशी दें। साथ ही उनकी गतिविधियों में शामिल हों। आपका ध्यान उनके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को मजबूत करता है, जिससे उनका मानसिक विकास बेहतर तरीके से हो सकता है।

व्यंग्यात्मक टिप्पणियों से बचें

बच्चे का दूसरों बच्चों के साथ कंपैरिजन करके पेरेंट्स को व्यंग्यात्मक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए इससे बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।अगर आपका बच्चा किसी खेल में हार जाता है या फिर परीक्षा में असफल हो जाता है, तो इस स्थिति में उनके ऊपर किसी तरह की टिप्पणी करने से बचें। बल्कि इस स्थिति में आप उनकी स्थिति के बारे में जानने की कोशिश करें कि वह कैसा महसूस कर रहा है? अगर किसी परीक्षा या फिर खेल में हारने के बाद बच्चा निराश है, तो उनके अंदर फिर से जोश भरने की कोशिश करें। ताकि वे आगे के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सके।

पोस्ट डिस्क्लेमर – कृपया ज़रूर पढ़ें

हम अपने रीडर्स तक सही जानकारी लाने का पूरा प्रयास करते हैं पर ये हमारे, हमारे जान पहचान के लोगों और हमारे पुर्वजों के नीजी विचार हैं और किसी भी तरीके से प्रोफैशनल , मैडिकल या ऐक्सपर्ट एडवाइस नहीं है और ना ही उस तरीके से समझी जानी चाहिए । कृप्या इस ब्लौग की एडवाइस अपनी समझदारी के अनुसार फौलो करें और ज़रूरत पड़ने पर ऐक्सपर्ट से सम्पर्क ज़रूर करें । इस पोस्ट के लेखक या ये वैबसाईट किसी भी तरीके से इस पोस्ट को पढ़ने के बाद रीडर्स को होने वाली हानी के लिए जि़म्मेदार नहीं हैं ।