बच्चे के दांत निकलने के लक्षण व दांत निकलने से पहले दी जाने वाली दवाइयां व घरेलू उपचार


बच्चे के दांत निकलने से माता-पिता व परिवार में खुशी कि लहर दौड़ पड़ती है। लेकिन बच्चे के दांत निकलने से पहले बच्चे को दांत दर्द, मसुडों में खुजली, बुखार, दस्त व उल्टियां जैसी अनेक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इसलिए माता पिता को इस समय ध्यान रखना चाहिए कि ज्‍यादातर बच्‍चों के जब भी दांत आना शुरू होते हैं तब उससे कुछ टाइम पहले ही बच्चे में कुछ लक्षण हमें दिखाई देने लग जाते हैं । उन लक्षणों को जानकर माता-पिता बच्चे के दांत आने से पहले होने वाली परेशानियों ,व दिक्कतों को घरेलू उपचार व दवाइयों द्वारा दूर कर सकते हैं । इसलिए आज thefamilylife.info कि इस पोस्ट में हम बच्चे के दांत आने से पहले कुछ लक्षण दिखाई देते हैं ,उनके बारे में व उसके उपचार के बारे में बताएंगे।

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बच्चे के दांत आना या शिशु का दूध का दांत आना क्या होता है?

शिशु के दाँत निकलने का मतलब यह होता है कि अब शिशु कुछ खा पायेगा। लेकिन दाँत निकलने के समय बहुत परेशानियां भी होती हैं। दाँत निकलते समय बच्चों को दस्त , बुखार ,अन्य कई छोटी-मोटी परेशानियां होती हैं। बच्चों के दाँत निकलना एक आम बात है। ये दाँत अक्सर “दूध के दाँत’’ के नाम से जाने जाते हैं। जब बच्चों के दाँत निकलते हैं तब उन्हें बेहद परेशानी होती है और दाँत निकलना बेचैनी और दर्द का कारण बन जाता है।

बच्चों के दाँत निकलने की उम्र और समय

प्रत्येक बच्चे के दांत निकलने का समय अलग अलग होता है। कुछ बच्‍चों के 4 महीने के होने से पहले दांत आना शुरू हो जाते हैं और कुछ बच्‍चों के 6 महीने से दांत निकलना शुरू हो जाते हैं। वहीं कुछ एक बच्चों के तो 12 महीने के होने के बाद दांत निकलते हैं। बच्चों में दूध के दांत निकलना काफी हद तक उसके पारिवारिक पैर्टन पर निर्भर करता है हर बच्चे का अपना अलग अलग तरीके से विकास होता है। वैसे ही उनके दांत निकलने का भी अलग टाइम होता है। और बच्चे के दूध के सभी दांत निकलने में 2 से 3 साल लग जाते है।

दाँत आने के लक्षण

दांत आने के अनेक लक्षण पाए जाते हैं लेकिन जरूरी नहीं है हर बच्चे में वही लक्षण हो। सभी बच्चों का अलग-अलग तरीके से विकास होता है और उसी तरीके से उनके दांत आने के लक्षण भी पाए जाते हैं । जो निचे दिए गए है।

बच्चे का अधिक रोना

जब भी आपको लगे कि बच्चा पहले से अधिक रो रहा है तो बच्चे को कोई समस्या हो सकती है। ऐसे में आप बच्चे के मुंह में उंगली डालकर चेक करें कि बच्चे के मसूड़ों पर उंगली से हल्की मसाज करने पर बच्चा चुप हो रहा है या नहीं । अगर बच्चे के मसूड़ों पर उंगली से मसाज करने से वह चुप हो जाता है तो यह उसकी दांत आने का लक्षण हो सकता है क्योंकि बच्चे के दांत आने से पहले मसूड़ों में खुजली व दर्द होता है । जिसकी वजह से बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है और बच्चा बार बार रोने लगता है।

बच्चे के दस्त लगना

बच्चे के दूध के दांत आने पर दस्त लगना

कभी कभी बच्चे के दांत आने से पहले उसके दस्त भी लग सकते हैं। लुजमोशन बच्चे के दो या तीन दिन तक लग सकते हैं इसलिए बच्चे को बार बार चावल का पानी वह दाल का पानी पिलाते रहे ताकि बच्चे में पानी की कमी ना हो सके। बच्चे के ज्यादा लूज मोशन हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

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बच्चों के मसूड़ों में खुजली और दर्द होना

शिशु के दूध के दांत आने पर मसूड़ों में खुजली

जब बच्चों के दांत आने लगते हैं तो उनके मसूड़ों में बहुत अधिक खुजली होती है ।जिसकी वजह से वह बार-बार अपने हाथ को मुंह में डालता है, उंगलियों को चबाता है, खिलौनों को मुंह में रगड़ता है यह सभी लक्षण उसके दांत आने के होते हैं। क्योंकि जब वह उंगलियों को चबाता है ,खिलौनों को मसूड़ों पर रगड़ता है तो उससे उसके मसूड़ों को आराम मिलता है।

मुंह से लार टपकना

शिशु के दूध के दांत आने पर लार टपकना

कुछ बच्चों के दांत आने से पहले मुंह से लार टपकने लगती है। दांत आने पर लार ज्‍यादा निकलने लगती है। क्योंकि बच्‍चे लंबे समय तक मुंह खुला रखते है, तो उसकी लार निकल सकती है। जब बच्‍चे के दांत निकलने वाले होते हैं तो मसूड़ों में सूजन आ जाती है। उस समय जब बच्चा मुंह बंद करता है तो मसूड़े आपस में टकराते हैं इससे बच्चे के दर्द होता है इसलिए वह मुंह को खुला रखता है और अपने को सहज महसूस करता हैं। बच्‍चे को सलाइवा निगलना नहीं आता हैं जिससे उनकी लार टपकने लगती है।

सिर का गरम रहना / बुखार आना

जब भी बच्चे के दांत आते हैं तो उसके सिर का भाग गर्म रहने लगता है। इसे आप आसानी से अनुभव कर सकते हैं । पहले के मुकाबले बच्चे के दांत आते हैं तब उसके सिर का ऊपरी भाग अधिक गर्म होता है । बच्चों को इससे बुखार भी हो सकता है। इस टाइम आप बच्चे के ठंडी पट्टी करें।

दूध पीने में या कुछ खाने में दिक्कत आना

शिशु के दूध के दांत आने पर दर्द के कारण कुछ निकला न जाने के कारण रोना

दांत आने से पहले कई बार मसूड़ों में दर्द ज्यादा होने से बच्चे से कुछ खाया भी नहीं जाता । यहां तक कि बच्चे को दूध पिलाते हैं तो उस समय वह रोने लगता है । दूध पिलाने से पहले बच्चे को आप टिथर दे सकते हैं । इससे मसूड़े थोड़ी नरम हो जाते हैं जिससे दूध पीने में आसानी होती है।

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बच्चे का चिड़चिड़ा होना

शिशु के दूध के दांत आने पर चिड़चिड़ा होना

बच्चे दांत के दर्द व खुजली से परेशानी होते है। जिसकी वजह से वह चिड़चिड़ा हो जाता है।

इन सभी लक्षणों को जानकर आप बच्चे के दांत आने से पहले घरेलू उपचार व दवाइयों से इन परेशानियों से राहत दिला सकते हैं।

बच्चे के दांत निकलने से पहले दी जाने वाली दवाइयां

किलकारी होम्योपैथिक दवाई

यह एक होम्योपैथिक दवाई है जो बच्चे के दांत आने से पहले दी जाती है । डॉक्टर से पूछ कर आप बच्चे को दांत आने के लक्षण देखने से पहले भी यह दवाई दे सकते हैं। बच्चे के दांत आसानी से आते हैं साथ में लूज मोशन भी नहीं होता।

ग्राइपवाटर

जब बच्चों के दांत निकलते हैं तो वह बहुत अधिक रोते हैं ,वह चिड़चिड़े हो जाते हैं दांत निकलते समय बच्चे बेहद परेशान रहते हैं। इस दौरान होने वाली परेशानी से राहत देने के लिए भी शिशु को ग्राइप वाटर दिया जाता है। इससे बच्चे के पेट में गैस भी नहीं बनती। और पाचन में भी सुधार रहता है।

दांत निकलते समय दिए जाने वाले विटामिन्स

बच्चे को मल्टी विटामिन ड्रॉप्स, जैसे विटामिन-डी-3 देना चाहिए। अगर दस माह तक के बच्चों के दांत नहीं निकले हैं तो बच्चों को कैल्शियम सिरप दें।

बच्चे के दांत निकलते वक्त करें ये घरेलू उपचार

शहद से मसाज

शिशु के दूध के दांत आने के लिए मसूड़ों पर शहद से मसाज करना

शिशु के जब दांत निकलते हैं ,ऐसे समय में उसके मसूड़ों पर शहद से मसाज करनी चाहिए। जब भी आप बच्चे को दूध पिलाएं तो उससे पहले शहद से मसाज करें। ऐसा करने से बच्चा दूध आराम से पि सकेगा। साथ में निप्पल भी नहीं काटेंगा। बच्चे के मसूड़ों पर दिन में 2 बार शहद कि मसाज करे। ऐसा करने से बच्चे के मसूड़ों पर खुजली नहीं आएगी , दर्द में भी राहत मिलेगा ।

नेचुरल टीथर

उनके दांत आसानी से आए इसलिए नेचुरल टिथर देना

दादी नानी के समय से ही बच्चों के दांत निकलने के समय पर उन्हें नेचुरल टीथर दिया जाता रहा है। ताकि बच्चे अपने मुंह में लेकर उसे उसे चबाएं ,जिससे उसके मसूड़ों को खुजली से आराम मिल सके और उनका चिड़चिड़ापन कम हो जाए। नेचुरल टीथर के रूप में आप बच्चे को सुखे नारियल का मोटा टुकड़ा काट कर उसे धागे में पिरो कर गले में लटका दें। इसे बच्चा अपने आप मुंह में लेता रहेगा और चबाएंगा। गाजर को भी आप बच्चे को नेचुरल टीथर के रूप में दे सकते हैं ।

Note: जो भी नेचुरल टीथर आप बच्चे को दे वह सॉफ्ट होने पर वापस बच्चे से ले ले ताकि बच्चा उसे काटकर निगल ना सके।अगर किसी कारणवश बच्चे ने इन का टुकड़ा तोड़कर निगल लिया तो वह उसके गले में अटक सकता हैं।

प्लास्टिक टीथर

दूध के दांत आने के लिए प्लास्टिक टिथर देना

माता पिता सबसे उत्तम तरीका यही मानते हैं कि बच्चे को प्लास्टिक का टीथर दे । क्योंकि यह निकला नहीं जा सकता। यह मुलायम भी रहेगा बच्चे के दांतों को नुकसान भी नहीं पहुंचाएगा और बच्चे की आवश्यकता की पूर्ति भी हो जाएगी। लेकिन मार्केट में मिलने वाले टीथर लो क्वालिटी की प्लास्टिक से बने होते हैं और उनके ऊपर पेंट भी होता है। इनको बनाने के लिए प्रयोग होने वाला केमिकल बच्चे के शरीर में जाकर बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। मार्केट में मिलने वाली टीथर का एक ऑप्शन है। आप BPA-free टीथर बच्चों को उपलब्ध करा सकते हैं। यह काफी सुरक्षित रहते हैं, मुलायम होते हैं और किसी भी प्रकार का नुकसान भी नहीं होता। BPA का मतलब होता है बिस्फेनॉल, यह प्लास्टिक है जो डिब्बे और कंटेनर बनाने के काम आता है, जिसमें आप खाद्य सामग्री रखते हैं।

उंगली से मसाज करना

अपने हाथ साफ करके बच्चे के मुंह में उंगली डालकर मसाज करें। यह भी उत्तम तरीका है।

दिन में दो-तीन बार आपको यह करना चाहिए। लेकिन कभी भी बिना हाथ साफ किए बच्चे के मुंह में उंगली से मसाज नहीं करनी चाहिए । इससे बच्चे के मुंह में संक्रमण फैल सकता है

नारियल पानी पिलाना

बच्चे के दांत निकलते समय बच्चे को उल्टी व दस्त हो जाते है ऐसे में बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो सकती है नारियल पानी बच्चे के शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखता है इसमें ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट्स दोनों मौजूद होते हैं जो शरीर को ठंडा रखते हैं।

फ्रोजन फूड

बच्चे के दांत निकलते समय मसूड़ों में बहुत अधिक दर्द होता है इस दर्द से थोड़ा राहत दिलाने के लिए आप फ्रोजन फूड या फ्रोजन कपड़े का प्रयोग कर सकते है। दर्द वाली जगह पर ठंडा कपड़ा या ठंडे फूड (जैसे- गाजर) भी बच्‍चे काे चबाने के लिए दे सकते हैं। ये कपड़ा साफ होना चाहिए और इसे कुछ देर के लिए फ्रिजर में रख दें और फिर शिशु को चबाने के लिए दें। ये दर्द में तुरंत आराम दिलाएंगे।

बच्चों के दांत निकलने के समय का डायट-चार्ट

बच्चे के दांत बिना किसी परेशानी के आसानी से निकले इसके लिए बच्चे को ऐसा आहार दें जो सभी विटामिन मिनरल से भरपूर हो

  • दांत निकलने के दौरान बच्चे को ऐसी चीजें दे, जिनमें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, विटामिन और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।
  • बच्चे को लिक्विड चीज ज्यादा दे। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।
  • बच्चों को दांत निकलते वक्त बुखार होने पर उनको केला, उबला हुआ सेब, संतरे का जूस, दाल, खिचड़ी आदि खाने को देना चाहिए।
  • बच्चे को सभी सब्जियां उबालकर मैस या प्युरी बना कर पिलाएं इससे बच्चे को चबाना नहीं पड़ेगा और दर्द से राहत मिलेगा।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • बच्चे को बुखार , दस्त होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
  • मसूड़ों में दर्द कम हो इसलिए बच्चे को ज्यादा से ज्यादा सोने दे। इससे उन्हें दर्द में राहत मिलेगी।
  • बच्चे को कोई भी वस्तु देने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • टीथर देने से पहले उन्हें अच्छे से साफ करें।
  • नेचुरल टीथर दे तो उसका ध्यान रखें कि बच्चा तोड़ कर गले में ना फसा ले।
  • इस टाइम पर बच्चे को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड हि दे तो ज्यादा बेहतर रहेगा। इससे मसूड़ों में दर्द कम होगा साथ में पानी कि कमी नहीं होगी।
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