बच्चे के पेट की समस्याओं के कारण व घरेलू उपचार


छोटे बच्चे बोल कर अपनी समस्याओं को जाहिर नहीं कर सकते। इसलिए वह रो कर अपनी समस्याओं को बताते हैं। कुछ समस्याएं तो माता-पिता को बाहर से पता चल सकती है जैसे बच्चे के कब्ज व दस्त।लेकिन कभी कबार आपने देखा होगा कि बच्चे रुक रुक कर थोड़ा-थोड़ा रोते रहते हैं ऐसे में उनके पेट में गैस की समस्या हो सकती है। इसलिए माता-पिता को बच्चे के रोने की ट्यूनिंग से पता लगाना चाहिए कि बच्चे को क्या परेशानी है। इन समस्याओं को जानकर आप घर पर ही घरेलू नुस्खों के द्वारा बच्चों के पेट दर्द, गैस, पेट के कीड़े ,कब्ज व दस्त जैसी पेट की सभी समस्याओं का उपचार कर सकते हैं।

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बच्चे के पेट में गैस बनने के कारण व घरेलू उपचार

बच्चे के पेट में गैस बनने का कारण व घरेलू उपचार

कारण

  • बच्चे के पेट में गैस बनने के अनेक कारण हो सकते हैं। नवजात बच्चे कि आंत अधिक विकसित नहीं हुई होती जिसके कारण दूध आसानी से नहीं पचता । इसके अलावा भी बच्चे के पेट में गैस बनने के अनेक कारण हो सकते हैं।
  • मां के द्वारा गलत तरीके से स्तनपान करवाना भी गैस का बड़ा कारण हो सकता । गलत तरीके से स्तनपान करवाने से बच्चे के पेट में गैस भर जाती है।
  • 6 महीने के बाद बच्चे को दिए जाने वाले ठोस आहार की वजह से भी बच्चे के पेट में गैस बन सकती है।

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घरेलू उपचार

जायफल

बच्चे के पेट में गैस बनने पर दे जायफल

जायफल पाचन शक्ति के लिए बहुत ही अधिक अच्छा माना जाता है। इससे बच्चों के पेट में बनने वाली गैस व पेट में आने वाला अफारा तुरंत ठीक हो जाता है। इसके लिए बच्चे को जायफल ठंडे पानी में घिसकर उसका पानी पिलाना चाहिए। जायफल को 15 से 20 बार एक चम्मच पानी में घिस कर डेली रूटीन में पिला सकते हैं। इससे बच्चे को दूध आसानी से पच जाता है। साथ में बच्चा हेल्थी रहता है।

सौंफ व अजवाइन

सोंफ

सौंफ व अजवाइन को हम हर घर में मसाले के तौर पर प्रयोग करते हैं । इन दोनों से पाचन शक्ति मजबूत बनी रहती है। इसलिए जब भी बच्चे के पेट में गैस बने तो आधा चम्मच सौंफ व आधा चम्मच अजवायन को पानी में उबालकर दो ड्राप बच्चे को पिलाएं। इससे बच्चे के पेट में गैस नहीं बनेगी।

हींग

हींग एसिडिटी को कम करने में मदद करती है, साथ ही पेट में डाइजेस्टिव एंजाइम को बढ़ावा देती है। बच्चे के पेट में जब गैस की समस्या हो तो हींग को गर्म करें और इसमें काला नमक मिला कर बच्चे को खिला दें। थोड़ी देर बाद थोड़ा गुनगुना पानी पीला दें।

पुदीना

बड़े हों या बच्चे पुदीना हर किसी की सेहत के लिए खास प्रकार से काम करती है। दरअसल, पुदीना गैस और एसिडिटी को कम करने में मददगार है। साथ ही पुदीने में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो कि पेट में सूजन व दर्द को कम कर सकते हैं। तो, पुदीना की पत्तियों तोड़े और मिश्री मिला कर इसे पीस लें। अब ये अपने बच्चे को दें।

बच्चे के पेट दर्द के कारण व उपचार

कारण

  • बच्चों का पाचन सही से नहीं होना पेट दर्द का बड़ा कारण होता है क्योंकि छोटे बच्चों की आंत निरंतर विकसित हो रही होती है इसलिए उनके दूध में मौजूद प्रोटीन व फैट आसानी से नहीं पचते। जिससे पेट दर्द कारण बना रहता है।
  • मां का खानपान भी बच्चे के पेट दर्द का कारण बन सकता है। मां को ऐसी कोई भी बादी वाली चीजें नहीं खानी चाहिए क्योंकि जैसा ही मां खानपान होगा वैसा ही मां का दूध होगा और उस दूध को पीने से बच्चे के पेट में गैस बनेगी व पेट दर्द होगा।

घरेलू उपचार

सौंफ व अजवाइन का पानी

मसाले

आधा चम्मच सौंफ आधा चम्मच अजवाइन को एक कप पानी में डालकर उबालें जब पानी आधा रह जाए तब उससे गुनगुना करके दो ड्रॉप पानी पिलाएं इसे एक बार में न पिलाएं थोड़ा रुक-रुक कर ड्रॉप पिलाएं। इससे बच्चे को पेट दर्द में तुरंत राहत मिलेगा ।

बच्चे के पेट में कीडों का उपचार

कारण

बच्चों में पेट के कीड़े पड़ना एक आम समस्या है । पेट में कीड़े पड़ने पर पता लगाना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि कई बार हमें इसके सिम्टम्स बच्चों में नहीं दिखाई देते लेकिन कई बार हम देखते हैं कि बच्चा बार-बार रोता है ,चिड़चिड़ा हो रहा है ,या उसका वजन घट रहा है तो इन लक्षणों से हम पहचान सकते हैं की बच्चे के पेट में कीड़े हैं। यह कीड़े बच्चों के पेट में गंदी वस्तुओं को मुंह में लेने गंदा पानी पीने गंदी मिट्टी में खेल से होते हैं।

घरेलू उपचार

हिंग

बच्चे के पेट में कीड़े होने पर उसे हींग खिलाने चाहिए हींग खिलाने से पेट के कीड़े मल के द्वारा मर कर बाहर निकल जाते हैं ।

नारियल

गिलास में नारियल पानी

नारियल को किसी भी रूप में लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं । अगर बच्चा 6 महीने से छोटा है तो बच्चे को नारियल का पानी पिलाएं इससे पेट के कीड़ों में राहत मिलेगा यदि बच्चा 6 महीने से बड़ा है तो उसे आप नारियल घिस कर खिला सकते हैं या फिर नारियल का तेल गर्म दूध में मिलाकर पिला सकते हैं।

अरंडी का तेल

अरंडी के तेल से भी पेट के कीड़ों में राहत मिलती है आधा चम्मच अरंडी का तेल लेकर पिलाएं इससे पेट के कीड़े तुरंत मर जाते हैं।

बच्चें के दस्त लगने के कारण व उपचार

कारण

बच्चों में दस्त लगने के कई कारण हो सकते हैं जैसे पाचन का सही से ना होना, सर्दियों में ठंड लगने के कारण दस्त होना, फ़ूड पोइज़निंग होना आदि । बच्चे को दस्त किस कारण से लगे हैं यह हम बच्चे की पॉटी को देखकर पता लगा सकते हैं अगर बच्चे को हरे रंग का लूज मोशन होता है तो बच्चे को सर्दी लगी हुई होती है। अगर लूज मोशन में बहुत ज्यादा बदबू आ रही है तो यह फूड पॉइजनिंग का कारण हो सकता है । इन कारणों को जानकर हम घरेलू उपचार द्वारा दस्त को रोक सकते हैं

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घरेलू उपचार

हरड़ या बाल हरडं

हरड़ का प्रयोग बच्चे के पेट से संबंधित समस्याओं के लिए किया जाता है अगर बच्चे को किसी भी प्रकार के दस्त लगे हुए हैं तो ठंडे पानी में 25 बार घिस कर बच्चे को दो या तीन ड्रॉप पिलाएं इसे आप ज्यादा दस्त पर बच्चे को तीन बार पिला सकते हैं।

चावल या चावल का पानी

प्लेट में चावल

चावल को पकाकर खिलाने से दस्त में काफी राहत मिलती है । चावल को दही के साथ खिलाने से भी में आराम मिलता है। इसके अलावा अगर बच्चा ज्यादा छोटा है तो चावल का पानी भी पिला सकते हैं।

अनार का‌ रस या अनार का छिलका

अनार

अनार का रस पिलाने से भी दस्त रुक जाते हैं । साथ में बच्ची को डिहाइड्रेशन की समस्या भी नहीं होती । इसके साथ आप अनार के छिलके को घिसकर उसका पानी पिलाते हैं तो उसे से भी बच्चे के दस्त रूक जाते है ।

O R S घोल

ओआरएस का घोल बच्चे के लिए बहुत ही गुणकारी होता है । इसे पिलाने से बच्चे को डिहाइड्रेशन नहीं होता दस्त लगने पर बच्चे को बार बार पिलाना चाहिए।

सुझाव:घरेलू उपचार के एक या दो बार प्रयोग करने के बाद भी दस्त नहीं रुक रहे तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।

बच्चें के कब्ज होने के कारण व उपचार

कारण

कब्ज होने के कई कारण हो सकते हैं वैसे तो 1 से 3 महीने तक का बच्चा कई बार 6 से 7 दिन तक पॉटी नहीं जाता ,इसमें घबराने की बात नहीं है लेकिन अगर बच्चा बड़ा है या आहार ले रहा है तो 3 से 4 दिन तक पॉटी न जाने पर हम उसे कब्ज की समस्या कह सकते हैं । यह समस्या फाइबर युक्त आहार न लेने पर या फिर कम पानी पीने पर होती है। कब्ज को खानपान को सही करके ठीक किया जा सकता है।

घरेलू उपचार

हरड़ या बालहरड़

हरड़ का प्रयोग दस्त व कब्ज दोनों समस्याओं में किया जाता है। हरड़ को ठंडे पानी में घिस कर लेने से वही दस्त ठीक होते हैं तो गर्म पानी में घिस कर लेने से कब्ज की समस्या भी ठीक हो जाती है।

सावधानी : कब्ज होने पर गर्म पानी में ही घिस कर दे।

फाइबर युक्त आहार

 फ्रूट्स

बच्चे को ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त आहार देना चाहिए। बच्चे को फ्रूट्स ज्यादा खिलाएं या फिर जूस पिलाएं इससे बच्चे की कब्ज की समस्या दूर होगी।

लिक्विड चीजों का प्रयोग

जूस

कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए बच्चे को आप लिक्विड चीजें ज्यादा दे सकते हैं जैसे छाछ , जूस। लिक्विड चीजों से शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होती। कब्ज कि समस्या पानी की कमी के कारण भी होती है।

टमाटर

टमाटर में विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है। कब्ज होने पर 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चे को टमाटर का सूप बना कर पिला सकते है। टमाटर खिलाने से कब्ज से छुटकारा मिल जाता है यह बहुत ही गुणकारी होता है।

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