गर्मी हो या सर्दी बच्चे तो अपनी ही मौज मस्ती में रहते हैं। लेकिन गर्मियों के मौसम में तेज धूप और मच्छरों से बच्चों का बचाव करना बहुत ही जरूरी होता है। तेज धूप बच्चे की कोमल स्किन को झुलसा देती है।
गर्मियों में धूप में खेलने से बच्चों के पसीना आता है । जिससे रेशैज ,घमौरियां और अनेक स्क्रीन की प्रॉब्लम बच्चों के हो सकती हैं। अधिक गर्मी से बच्चों को लू लग सकती है। जिससे बच्चे को दस्त उल्टी होने के चांस अधिक रहते हैं।इसलिए आज हम अपनी इस पोस्ट में बताएंगे कि कैसे गर्मियों में बाहर खेलते हुए बच्चों कि तेज धूप से सुरक्षा करें। ताकि बच्चे इस गर्मी में भी मौज मस्ती करते रहे।
गर्मी में धूप से सुरक्षा
गर्मियों में बच्चों को गर्मी से बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि गर्मियों में बच्चों का स्कूल में पढ़ने जाना और बच्चों का बाहर तेज धूप में खेलना तो लगा ही रहता है। ऐसे में हर माता-पिता यही सोचते है कि गर्मियों में कैसे करें बच्चों कि तेज धूप से सुरक्षा व देखभाल । क्योंकि बच्चे तो खुद की केयर करना नहीं जानते। तो चलिए आज हम आपको अपनी इस पोस्ट के जरिए बच्चों को तेज धूप से बचाने के उपाय बताए।
गर्मियों में पहने जाने वाले कपड़े

गर्मियों में बच्चों को सूती कपड़े पहनाने चाहिए । सूती कपड़े शरीर को ठंडक देते हैं साथ में पसीने को भी सोखते हैं। गर्मियों में बच्चों को हमेशा हल्के रंगों के कपड़े पहनाएं । गर्मियों में हल्के रंगों के कपड़े उष्णता समाप्त कर शीतलता प्रदान करते हैं। पेस्टल शेड्स हल्का हरा, हल्का नीला, गुलाबी, सफेद रंग पहनाए। ये रंग सूर्य कि गर्मी को कम अवशोषित करते हैं।
बच्चों को गर्मी में पुरे कपड़े पहनाएं
गर्मियों में बच्चों को डिले डालें व फुल बाजू के कपड़े पहनाए। इसके साथ बच्चों को शॉर्ट्स न पहनाए। गर्मी में बच्चों का शरीर अच्छी तरह से ढका होना चाहिए ताकि तेज धूप बच्चे की स्किन को न झुलसा सके। कपड़े कोटन के ही पहनाए।
मौसमी जूस व पेय पदार्थ

गर्मियों में बच्चे तेज धूप में खेलते रहते हैं। जिससे बच्चों के शरीर से बहुत अधिक पसीना निकलता रहता है। ऐसे में बच्चे को डिहाइड्रेशन, उल्टी व दस्त हो सकते है। इसलिए बच्चे को आप जितना हो सके उतना मौसमी जूस,फल व अन्य लिक्विड चीज बार बार पिलाएं। मौसमी जूस में आप बच्चे को आम, लीची, अनार, पपीता, स्ट्रॉबेरी, पाइनएप्पल, गन्ने का जूस, नारियल पानी आदि घर पर बना कर पिला सकते हैं । ये जूस शरीर को हाइड्रेट तो रखतें ही है साथ में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम भी करते हैं। इन जूस के अलावा आप बच्चे को नींबू पानी, ठंडी छाछ भी पिलाएं। ये शरीर कि गर्मी को दूर करने में मदद करते हैं।
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धूप में जाने से पहले सनस्क्रीन लगाएं

बच्चे हो या बड़े धूप में जाने से पहले सनस्क्रीन का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। सूरज से निकलने वाली हानिकारक किरणें स्किन को डेमेज करती है साथ में इससे अनेक प्रकार के रोग भी होने लगें है ,इनमें से सबसे बड़ा तो स्किन कैंसर जैसा रोग लोगों को तेजी से बढ़ता जा रहा है ऐसे में हम और आप,अपनी व अपनों कि देखभाल करके उन्हें सेफ रख सकते है। बच्चे जब भी बाहर निकले तो उनकी स्किन पर आधा घंटा पहले सनस्क्रीन लोशन अवश्य लगाएं। बच्चों की स्किन धूप में ना झुलसे इसके लिए कम से कम 25 से 30 spf का सनस्क्रीन अवश्य लगाएं, या फिर आप डॉक्टर कि सलाह से कोई सनस्क्रीन लोशन ले सकते है। सनस्क्रीन लगाने से पहले बच्चे कि स्किन एलर्जी टेस्ट अवश्य करवाएं।
बच्चों को तेज धूप में खेलने से रोकें
गर्मियों की तेज धूप बच्चे की स्किन को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकती है। बच्चों के शरीर पर रैशेज, घमौरिया होना तो आम बात है इसलिए बच्चों को गर्मी में 11 बजे से 4 बजे तक घर के अंदर ही खेलने को कहें। जितना हो सके उतना आप तेज धूप से बच्चों को बचा कर रखें। उन्हें छाया में ही खेलने वाले गेम्स दे।
सनग्लासेज व केप पहना कर बाहर खेलने दे

बच्चों कि आंखें नाजुक होती है ,बच्चों की आंखें तेज धूप को सहन नहीं कर पाती। तेज धूप से बच्चों की आंखों में एलर्जी हो सकती है। अधिक गर्मी से आंखों का लाल होना व उनमें जलन होना स्वाभाविक है। ऐसे में गर्मियों में तेज धूप से बच्चों की सुरक्षा करने के लिए बच्चों को बाहर खेलने जाने से पहले उन्हें आंखों पर सनग्लासेज लगाने को दे। साथ में बच्चे को केप पहनाए जिससे तेज धूप बच्चे के सिर पर सीधी नहीं पड़ेगी। गर्मी में सूरज की हानिकारक किरणों से आंखों की सुरक्षा के लिए सनग्लासेस का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। जिस तरह बड़े आंखों पर यूवी प्रोटेक्ट सनग्लोसस इस्तेमाल करते हैं ठीक उसी तरह से बच्चों के लिए भी धूप में बाहर निकलते समय सनग्लासेस लगाना आवश्यक है। लेकिन बच्चों के लिए चश्मे खरीदते समय थोड़ी सावधानी बरतें। क्योंकि पैरेंट्स रुपए बचाने के कारण और चश्मे के बार-बार टूटने के चलते सस्ते चश्में खरीद लाते हैं। बच्चों का सनग्लासेस धूप की हानिकारक किरणों यूवी, और यूवीबी दोनों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने वाले होना चाहिए।
गर्मी में बच्चों को कम से कम 2 बार अवश्य नहलाएं

गर्मियों में बच्चे नहाने के लिए उत्साहित रहते हैं। बच्चे गीला होने का बहाना ढूंढ़ते रहते है। ऐसे में गर्मियों में बच्चों को नहलाने से दो फायदे होते हैं। उनके शरीर का तापमान कम होता है और त्वचा भी साफ होती है। त्वचा के छिद्र भी खुल जाते हैं जो पसीने को शरीर से आराम से निकलने में मदद करते हैं। इसके साथ दिन भर खेलते समय धुल मिटटी से घमोरिया भी बच्चों को परेशान करते हैं। नहाने से धुल मिटटी भी शरीर से हट जाती है जिसके कारण रेशैज नहीं होते।
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गर्मी में बच्चे को उल्टी से बचाव
गर्मी में बच्चे अक्सर तली भुनी चीजें व पैकेटों में बंद चीजों को खा लेते है। आजकल गर्मी इतनी ज्यादा पड़ रही है कि जरा सी खान-पान में गड़बड़ी होने पर बीमार पड़ने में देर नहीं लग रही। ऐसे में बच्चे कई बार बाहर का खाना या जंक फूड ज्यादा खाते हैं, जिससे उल्टी और दस्त की समस्या होने लगती है। तेज गर्मी में पानी कम पीने और खराब खाने से भी बीमार पड़ जाते हैं। उल्टी होने पर ये घरेलू उपाय अपनाकर बच्चे की उल्टी रोक सकते हैं।
नमक और चीनी का पानी पीने से उल्टी में राहत महसूस होगी।
नींबू चूसने से उल्टी रुकने में मदद मिलती है।
एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में 10 मिनट उबालकर पीने से भी उल्टी होना रुक जाती है।
ओआरएस का घोल बच्चे को थोड़ी थोड़ी देर बाद अवश्य पिलाएं।
स्कूल जाने वाले बच्चों की गर्मियों में इस प्रकार से करें देखभाल

बच्चों को गर्मी में स्कूल भेजते वक्त पेरेंट्स को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे उनके टिफ़िन में कुछ ऐसे फूड्स रखें जो उनमें फुर्ती बनाए रखें और पोषण भी दे। साथ ही गर्मी में लू लगने का डर सबसे ज्यादा रहता है इसलिए बच्चों को तरबूत, दही, नींबू पानी और पुदीने का सेवन अधिक से अधिक करवाए।
पौष्टिक आहार
गर्मी के मौसम में बच्चे क्या खाते हैं यह चीज काफी मायने रखती हैं। क्योंकि जितना अच्छा खाना वह खाएंगे उतने ही हेल्दी वह रहेंगे। गर्मियों के मौसम में अपने बच्चों को ताजा और हल्का खाना खिलाएं। इसके अलावा बच्चों की डाइट में मौसमी फलों और सब्जियों को शामिल करना न भूलें।
पानी की बोतल
गर्मी में डिहाइड्रेशन की समस्या बेहद आम हो जाती है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चों को गर्मी से बचाना चाहते हैं तो उसे ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के लिए कहें। ज्यादा पानी पीने से बच्चों को दिनभर के लिए अच्छी एनर्जी मिल जाएगी। स्कूल में पानी की बोतल साथ में भेजे। पानी के अलावा आप अपने बच्चों को दिन में एक बार तो नींबू पानी, नारियल पानी और बेल या गन्ने का जूस पीने के लिए दे सकते हैं।
घर से खाना खिलाकर भेजे
अगर आपका बच्चा स्कूल जा रहा है तो उसे सुबह गर्मियों में नाश्ता अवश्य करना चाहिये। गर्मियों में बच्चे अगर ज्यादा देर तक भूखे पेट रहेंगे तो उन्हें चक्कर आ सकते है और गर्मी भी लग सकती है, ऐसे में आप बच्चे को सुबह दूध, जूस या हल्का खाना खिलाकर भेजे।
तली भुनी चीज़ों से करें परहेज
बच्चे अक्सर बाहर की चीजें खाना ज्यादा पसंद करते हैं लेकिन गर्मियों के मौसम में तली चीजों से बच्चों के फ़ूड पोइज़निंग हो सकता है। इससे गर्मियों में बच्चों के दस्त व उल्टियां हो सकते है इसलिए जहां तक हो सके बच्चों को स्कूल भेजते समय घर पर खाना खिला कर ही भेज। साथ में ताजा खाना टिफिन में पैक करके भेजें। स्कूल में बच्चों को सीजनल वेजिटेबल बनाकर टिफिन में पैक करके भेजें। खाना ऐसा हो जो 4 , 5 घंटे तक खराब न हो।
गर्मी में बच्चों को लू से बचाएं
तेज धूप बच्चों में गर्मी और लू जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है। बच्चे रोजाना सुबह स्कूल जाते हैं। जिसके बाद प्रार्थना सभा और खेल के ग्राउड में धूप बच्चों को अपनी चपेट में ले लेती है। ऐसे में बच्चों को लू लगने की संभावना ज्यादा हो जाती है। लू से बचाव के लिए आप बच्चे को इन पेय पदार्थ/ जूस को पिलाएं —
सत्तू – भूने हुए जौ से बना सत्तू गर्मियों में बच्चों के शरीर को ठंडक देने का काम करता है। सत्तू को पानी में चीनी के साथ मिलाकर ठंडा पिया जा सकता है।
नींबू पानी – तपती धूप में नींबू पानी का सेवन काफी फायदेमंद रहता है। गर्मियों के मौसम में ये बच्चों को एनर्जी देने के साथ-साथ इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करता है।
तरबूज – तरबूज में 92 प्रतिशत पानी होता है, ये बच्चे के शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। तरबूज के सेवन से पानी की कमी को दूर किया जा सकता है।
नारियल पानी – नारियल पानी बच्चे की बॉडी को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। इसका सेवन करने से शरीर में ठंडक बनी रहेगी।
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