जन्म से -1 साल तक के बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए खिलौने, खिलौनों की विशेषताएं व सावधानियां ।


खिलौनों का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है । पहले के समय में मिट्टी के खिलौनों से बच्चे खेलते थे। धीरे-धीरे जैसे ही आधुनिक युग आया इन खिलौनों ने मिट्टी से लकड़ी व लकड़ी से प्लास्टिक का रूप ले लिया। और देखते ही देखते हर बाजार में खिलौनों की भरमार हो गई। आजकल मार्केट में खिलौनों की वैरायटी बहुत अधिक होने के कारण हम अपने बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार खिलौने दिलवाना चाहते हैं। ताकि उनका उस समय का विकास अच्छे से हो सके। मातापिता बच्चे को सही उम्र में सही खिलौने व उचित वातावरण दे कर उस के विकास को सही दिशा प्रदान कर सकते हैं। दुनिया के सभी बच्चों को खिलोनों से बेहद हि लगाव होता है और बच्चों को खिलौनों से खेलना जरूरी भी होता है ।क्योंकि खेलते समय बच्चा अपनी सभी इंद्रियों ,मांसपेशियों व बुद्धि का प्रयोग करता है तो उसके संपूर्ण विकास के लिए खिलौनों से खेलना जरूरी भी है। इसलिए माता-पिता को ऐसे खिलौने चुनने चाहिए जिससे बच्चे का विकास हो सके। तो आज हम अपनी इस पोस्ट में उन खिलौनों के बारे में बताएंगे जो बच्चे की उम्र के लिए सही हो और उनका सही से विकास कर सके।

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जन्म से 3 महीने तक के बच्चे के लिए खिलौने

वैसे तो जन्म से 3 महीने के बच्चे इतना अधिक खेल नहीं पाते हैं लेकिन फिर भी कलरफुल खिलौने व म्यूजिक वाले खिलौने बच्चे को अपनी ओर अट्रैक्शन करते हैं तो बच्चे उन खिलौनों की तरफ देखते हैं और अपने हाथ पैरों को मारते हैं ,साथ में 3 महीने का बच्चा कुछ आवाजें निकालने भी लगता है खिलौनों को देखकर बच्चा अपने हाथ पैरों को तेजी से हिलाता है ताकि उन्हें पकड़ सके और उनकी तरफ देखकर आवाज निकालना शुरू करता है। इससे उनकी आंखों की मसल्स व हाथ पैरों की मसल्स मजबूत होती है इसलिए उनके लिए ऐसे खिलौने चुनने चाहिए जिससे आंखों व कान की मसल्स विकसित हो सके। साथ में उनके हाथ पैरों की मसल्स मजबूत हो सके। तो चलिए आज हम ऐसे खिलौनों के बारे में आपको रूबरू कराते हैं।

कलरफुल खिलौने

3 महीने के बच्चे के लिए कलरफुल खिलौने

छोटे बच्चे गहरे रंगों की तरफ बहुत ही ज्यादा अट्रैक्टिव होते हैं इसलिए बच्चों को कलरफुल खिलौने देने चाहिए। रंग के पैटर्न वाली चीजें आपके नवजात बच्चे का ध्यान आकर्षित करेंगी, क्योंकि ये बहुत ही अट्रैक्टिव होते हैं। जिससे बच्चे को देखने के लिए आसान होता है। इससे उसकी नजर के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

झुनझुने

3 महीने के बच्चे के लिए झुनझुने

ऐसे खिलौने जो दबाने या हिलाने पर आवाज करते हैं, इनकी आवाज सुन कर बच्चे अचानक इनकी तरफ देखत हैं। इस तरह के खिलौने बच्चे की सुनने व देखने कि क्षमता को विकसित करता है। इससे यह भी टेस्ट हो जाता है कि बच्चे को आसानी से सुनाई दे रहा है या नहीं। क्योंकि बच्चा इन खिलौनों के बजाने पर तुरंत अपना रिएक्शन करता है ,उसकी तरफ देखता है। आज कल नवजात शिशु के लिए लकड़ी के गैर विषैले रंगीन रैटल खिलौने भी मार्केट में उपलब्ध है। ये नॉन टॉक्सिन होने के कारण शिशु के लिए सही होते है।

Cot मोबाइल म्यूजिकल टॉय हैंगिंग

 कोर्ट मोबाइल हैंगिंग टॉय खेलता हुआ 3 महीने का बच्चा

Cot मोबाइल म्यूजिकल टॉय हैंगिंग 0-6 महीने नवजात शिशुओं के लिए है, जो बच्चे के पालने के ऊपर लटकाया जाता है। यह खिलौना रोटेशन करता है साथ में सॉफ्ट म्यूजिक भी बजता है। पालने पर लटके हुए खिलौने (बेबी मोबाइल) जो बच्चे को ऊपर घूमते हुए दिखते हैं, इसमें लगे हुए कलरफुल खिलौने व बजता हुआ संगीत बच्चे को बहुत ही रोमांचित करता है। जिससे बच्चे अपने हाथों, पैरों को तेजी से हिलाता है व खिलौने को पकड़ने की कोशिश करता है । इससे बच्चे के हाथ, पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं साथ में संगीत से अच्छी नींद भी आती हैं।

सॉफ्ट टॉयज

सॉफ्ट टॉयज के साथ खेलता हुआ बच्चा

3 महीने के बेबी को सॉफ्ट टॉयज दे सकते हैं जैसे टेडी बेयर। जो भी आप सॉफ्ट टॉयज दे वह बच्चे के हाथ में पकड़ने के लायक होने चाहिए, ज्यादा बड़े सॉफ्ट टॉयज बच्चे को ना दें इससे बच्चा पकड़ नहीं पाएगा। और साथ में यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सॉफ्ट टॉयज में कोई बटन या रिबन न हो क्योंकि 3 महीने के बेबी खिलौनों को हमेशा मुंह में लेते है। सॉफ्ट टॉयज से बच्चे की हाथों की पकड़ बनती है, उनकी उंगलियों की मसल्स मजबूत होती है।

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4 महीने से 8 महीने तक के बच्चे के लिए खिलौने

3 महीने के बाद बच्चा बहुत अधिक ग्रोथ कर लेता है। वह अपने हाथों पैरों को चलाने लगता है आवाज निकाले लगता है और कुछ भी आवाज निकालने पर इधर उधर देखता है। इसलिए 3 महीने के बाद बच्चे को ऐसे खिलौने दे जिससे उसके हाथों पैरों की अच्छी से ग्रोथ हो सके। 4 महिने से 8 महिने के बीच बच्चे में बहुत से बदलाव आते हैं। अब बच्चे की ग्रोथ तेजी से बढ़ने लगती है 4 से 8 महिने में दांत आना,बच्चे का बैठना, स्क्रोल होना और फिर घुटनों के बल चलना सिख जाते हैं। इसलिए पेरेंट्स को ऐसे खिलौनों का चुनाव करना चाहिए जिससे बच्चे ये सभी एक्टिविटी तेजी से सीख सकें।

बेबी टीथिंग टॉय

बेबी तीथिंग टॉय

4 महीने के बाद बेबी को टीथिंग टॉयज देने चाहिए क्योंकि इस समय बच्चे के मसूड़ों में खुजली होती है। उसके दांत निकलने वाले होते हैं तो इससे वह जैसे ही चबाता है, तो उससे मसूड़ों को आराम मिलता है । आजकल मार्केट में बहुत से टीथिंग टॉयज मिलते हैं लेकिन बच्चे के लिए ऐसे टीथिंग टॉयज होने चाहिए जो सॉफ्ट हो और केमिकल रहित हो।

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म्यूजिक वाले खिलौने

म्यूजिक वाले खिलौने के साथ खेलता हुआ बच्चा

4 महीने के बच्चे को ऐसे खिलौने देने चाहिए ,जिनमें म्यूजिक बोलता हो। बच्चों को म्यूजिक बहुत अधिक पसंद होता है इससे बच्चा बहुत ही अधिक अट्रैक्टिव होता है जैसे ही म्यूजिक चलता है बच्चे उन्हें पकड़ने की कोशिश करते हैं उनके साथ खेलते हैं साथ में म्यूजिक के साथ अपनी अलग से आवाज निकालते हैं ।जिससे उनकी आवाज विकसित होती है।

बाॅल

कलरफुल बोल के साथ खेलता हुआ बच्चा

5 से 6 महीने के बच्चे के लिए आप कलरफुल बोल ले सकते हैं। 5 से 6 महीने का बच्चा थोड़ा-थोड़ा बैठना शुरू कर देता है। जैसे आप बोल को उसके पास लुढ़काते है, बच्चा उसे तुरंत पकड़ने की कोशिश करेगा । इससे उसके हाथ व आंखों के बीच में समन्वय बना रहेगा। जिससे बच्चे में फुर्ती आएगी।

चलने फिरने वाले खिलौने

पुस करने वाली कार के साथ खेलता हुआ बच्चा

जब बच्चा 6-7 महीने का होता है । धीरे-धीरे सरकाना व घुटनों के बल चलना सीखता है । ऐसे में बच्चे को ऐसे टॉयज देने चाहिए जो आगे आगे चल सके। बच्चे के लिए वे खिलौने लाएं जिन्हें वह धक्का दे सके, खींच सके या जो बैटरी से संचालित हों और अपने आप चल सकें। ऐसे खिलौनों को आप बच्चे के आगे रख दें और यह जब अपने आप चलेंगे तो इनके साथ साथ बच्चे इन्हें पकड़ने के लिए घुटनों के बल चलेंगे। इससे बच्चे के पैरों की मांसपेशियां मजबूत होगी ,शारीरिक विकास होगा और वह आसानी से घुटनों के बल चलना सीख जाएगा।

घरेलू सामान जैसे चम्मच और डिब्बे

बच्चे की चम्मच व प्लेट

7-8 महीने का बच्चा घुटनों के बल चलने लगता है। अब बच्चा आपके पिछे पिछे घूमता रहता है जब आप किचन मे खाना बनाते हो तो वह भी किचन के सामान से खेलना पसंद करता है । ऐसे में आप बच्चे को खेलने में व्यस्त रखने के लिए रसोई के बर्तन दे सकते हैं। बर्तनों से खेलना बच्चों को बहुत ही अधिक पसंद होता है इसलिए बच्चे को ऐसे बर्तन दे जो बच्चों को चोट ना पहुंचा सके उन्हें लकड़ी की चीज प्लेट गिलास चम्मच जैसी चीजें दे ।

8 महीने से 12 महीने के बच्चे के लिए खिलौने

8 महीने के बाद बच्चे में बहुत अधिक बदलाव आ जाते हैं । बच्चे में शारीरिक व मानसिक विकास आप अपनी आंखों से देख सकते हैं । अब आपका बच्चा डेली कुछ नया सीखता है वह घुटनों के बल चलना व धीरे धीरे सहारे से खड़ा होने का प्रयास करने लगता है इसी के साथ 11 से 12 महिने का बच्चा चलना भी सिख जाता है,इसलिए बच्चे को आप ऐसे नए नए खिलौने लाकर दे सकते हैं ,जिसमें बच्चे का मानसिक व शारीरिक दोनों तरह से अच्छे से विकास हो सके।

बेबी वॉकर

बेबी वॉकर में वोक करते हुए

8 महीने के बेबी को आप बेबी वॉकर में बैठाना शुरू करें । 8 महीने का बेबी वॉकर को चलाना सीख जाता है । इसके साथ वे बहुत अधिक इंजॉय करते हैं आपके साथ साथ घूमते हैं वॉकर को चलाने में उन्हें बहुत अधिक आनंद आता है। इससे उसके पैरों की मसल्स मजबूत होती है और बच्चा आसानी से चलना सीख जाता है।

बेबी पूल और कलरफुल बाल

 टब में नहाते हुए बच्चे का खेलना

8 ,9 महीने के बच्चे को गर्मियों में नहाना बहुत ही मजेदार लगता है । अक्सर देखा होगा कि बच्चे पानी में अपने दोनों हाथों को जोर-जोर से मारते हैं , पानी को चारों और बिखेर देते हैं। बच्चे पानी के साथ खेलना बहुत ही अधिक पसंद करते हैं ।इसके लिए आप बेबी पुल में खूब पानी डालकर उसमें कलरफुल बाॅल डाल सकते हैं।

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संगीत बजाने वाले खिलौने

संगीत बजाने वाले खिलौने से खेलता हुआ बच्चा

​आपने देखा होगा कि अक्सर बच्चे 11- 12 महीने के चलना शुरू कर देते हैं। जब भी चलते हैं तो आसपास में पड़ी हुई चीजें को नीचे गिरा देते हैं । इससे जो आवाज आती है ,उनसे वह बहुत ही अधिक खुश होते हैं । ऐसे में आप बच्चे को म्यूजिक वाले खिलौने ड्रम पियानो आदि लाकर दे सकते हैं और उसे केवल सिर्फ एक कटोरी और चम्मच भी दे तो वह उससे भी बहुत अधिक देर तक खेलना पसंद करता है ।हालांकि, संगीत वाले खिलौने खरीदते समय सावधानी बरतें, क्योंकि कुछ की आवाज बहुत तेज़ हो सकती है और बच्चे के कानों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

बच्चों के लिए एनिमल फिगर प्लेसेट

एनिमल फिगर व अन्य खिलौनों के साथ खेलता हुआ बच्चा

12 महिने के बच्चे का बौधिक विकास करने के लिए आप बच्चे को अलग अलग तरह के लर्निंग खिलौने दे सकते है। इस वक्त बच्चे को आप एनिमल फिगर प्लेसेट , फ्रूट्स, कलर्स जैसे खिलौनों से खेल खेल में बच्चे कि बौद्धिक क्षमता को बढ़ा सकते है।

बिल्डिंग ब्लॉक

मां के साथ बिल्डिंग ब्लॉक खेलता हुआ बच्चा

जैसे-जैसे आपका बेबी बड़ा होता है, तो एक के ऊपर एक लगाने वाले बिल्डिंग ब्लॉक खिलौने बच्चे को आप लगाना सिखाएं। इससे घंटों तक आप दोनों को व्यस्त रह सकते हैं । बच्चे की तेजी से फुर्तीली होती उंगलियों और उसके छांटने और बनाने के कौशल को इस्तेमाल करने का यह शानदार तरीका है। साथ ही साथ इससे बच्चे का मानसिक विकास भी होता है।

एजुकेशनल लर्निंग स्टैकिंग मल्टीकलर

स्केटिंग मल्टी कलर

कलरफुल स्टैकिंग बच्चे को बहुत अट्रैक्टिव करते हैं । आप बच्चे के साथ स्टैकिंग खिलौने से खेले उसे रिंग डालना सिखाएं। इससे बच्चे को आकार का पता लगेगा। साथ में कलर्स को बोल कर बताएं। इससे बच्चे जल्दी आकार व कलर्स को पहचानने लगते हैं। बच्चे ज्यादा से ज्यादा शब्दों को सीखते हैं। इससे उनके भाषा का विकास होता है।

वेम्बल टॉयज टॉकिंग कैक्टस

आज कल मार्केट में वेम्बल टॉयज टॉकिंग कैक्टस बहुत ही लोकप्रिय खिलौनों में से एक है। सभी माता पिता अपने बच्चों को इस खिलौने को लेकर देते हैं। क्योंकि यह खिलौना बच्चों को काफी इंटरेस्टिंग करता है इसके साथ बच्चे घंटों तक व्यस्त रहते हैं। यह खिलौना आवाज की नकल करता है जिससे बच्चे को यह अपनी और आकर्षित करता है। इससे बच्चों की कल्पना और जिज्ञासा शक्ति का विकास अच्छे से होता है। इसके अलावा इस खिलौने में लाइटिंग व म्यूजिक सिस्टम भी है।

खिलौने चुनते व बच्चे को देते समय ध्यान रखने योग्य बातें व सावधानियां

  • बच्चे के टिथिंग, रेटल्स व अन्य खिलौनों को साफ सुथरा रखें क्योंकि बच्चे अक्सर खिलौनों को मुंह में लेते हैं, गंदे खिलौनों से बच्चों के मुंह में इन्फेक्शन हो सकता है।
  • सॉफ्ट टॉयज में तार जैसी कोई भी चीज नहीं होनी चाहिए । इससे बच्चों के हाथ में लग सकती है।
  • छोटे बच्चों के लिए खिलौने लेते समय ध्यान रखना चाहिए कि खिलौनों में ज्यादा छोटे-छोटे पार्ट ना हो।
  • ज्यादा तेज आवाज निकालने वाले खिलौने न लें। बच्चों के कानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • बच्चे के लिए टिथर लेते समय क्वालिटी का ध्यान रखें हमेशा अच्छी क्वालिटी का ही टिथर यूज़ करें क्योंकि बच्चा टिथर को मुंह में चबाता है । इससे बच्चे को नुकसान हो सकता है।

जन्म से 1 वर्ष के बच्चे के लिए उचित खिलौनों की विशेषताएं

1 वर्ष तक बच्चे खिलौनों को भी अपना दोस्त मानते हैं। आपने अक्सर बच्चों को खिलौनों के साथ बातें करते हुए देखा होगा। बच्चे खिलौनों से बहुत सी चीजें सीखते है उनका विकास होता है इसलिए बच्चों को उचित खिलौने उनकी उम्र के अनुसार ही देने चाहिए।

खिलौनों को हमेशा उनकी विशेषता को ध्यान में रखकर ही बच्चों के लिए चुने। जब भी आप खिलौनों का चुनाव करें तो ध्यान दें कि आपका बच्चा किस उम्र का है और वह उस खिलौने से क्या सीख सकता है ,या किस तरह विकास कर सकता है।

जन्म से 1 साल तक के बच्चे के खिलौनों में ऐसे उचित विशेषताएं होनी चाहिए।

  • खिलौने कलरफुल होने चाहिए इससे बच्चा कलरों को पहचाना सीखता है।
  • एनिमल फिगर प्लेट, फ्रूट्स जैसे खिलौनों से बच्चा उनके नाम सीखता है।
  • बेबी के लिए वॉकर चुनते समय उसमें बेबी राइम्स होनी चाहिए।
  • ब्लॉक्स को चुनते समय उन पर 1,2,3 , ABC या अन्य वर्ड लिखे हो ताकि बच्चे को धीरे-धीरे इन शब्दों का पता चले व इन्हें बोलना सीखे।
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