मां का दूध (ब्रेस्ट मिल्क) बढ़ाने के लिए क्या खाएं


मां का दूध बच्चे के लिए सम्पूर्ण आहार होता है। इसलिए पहले 6 महीने बच्चे के लिए मां का दूध पिलाना बहुत जरूरी है। इससे न केवल बच्चे को पोषण मिलता है, बल्कि बच्चे का विकास भी होता है। लेकिन कैई बार डिलीवरी के बाद मां के स्तनों में दूध पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता। जिससे बच्चे को पोषण नहीं मिल पाता। ऐसे में मां अपने आहार में कुछ ऐसे नेचुरल चीजें शामिल कर सकते हैं जो ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद करते हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ घरेलू उपाय बताएंगे जिसके सेवन से आप ब्रेस्ट मिल्क बढ़ा कर अपने बच्चे को तंदुरुस्त रख सकते हैं।

कैसे पता लगाएं पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क बन रहा है या नहीं?

ब्रेस्ट फीडिंग करता हुआ बेबी

आपका शरीर उतना दूध बनाता है जितनी आपके बच्चे को जरूर होती है। यदि आप प्रत्येक स्तन से हर 2-3 घण्टे बाद 20 मिनट तक दूध पिलाती है तो आपका शरीर आपके बच्चे के लिए पर्याप्त मात्रा से अधिक दूध उत्पन करेगा। यदि आपके बच्चे को पर्याप्त दूध मिल रहा है तो आपके स्तन भरे रहेंगे। दूध पिलाने के बाद मुलायम व दो अवधि के बाद पुनः भर जाएंगे।

बच्चे के वेट बढ़ने से – अगर बच्चे के उम्र के हिसाब से वजन बढ़ रहा है तो आपको चिंता करने कि जरुरत नहीं है। इससे पता चलता है कि बच्चे को पर्याप्त मात्रा में दूध कि पूर्ति हो रही है।

बच्चे के बार बार पेशाब करने से – अगर बच्चा दिन में कम से कम 6 से 7 बार पेशाब करता है तो वह पर्याप्त मात्रा में दूध पी रहा है।

बच्चे के मूड से – आपके बच्चे का अच्छा मूड भी पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क बनने का संकेत हो सकता है। पर्याप्त मात्रा में दूध बनेगा, तो शिशु भी अच्छी तरह स्तनपान कर पाता है, जिससे शिशु खुश रहता है और अच्छे से सोता है।

ब्रेस्ट के भारीपन से – ब्रेस्ट के भारीपन से महसूस कर सकते हैं कि ब्रेस्ट मिल्क बन रहा है।अगर आपको अपने ब्रेस्ट टाइट न लगकर सोफट व खालीपन महसूस हो रहे हैं तो हो सकता है आपके ब्रेस्ट मिल्क कम बन रहा हो।

ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति कम होने के कारण

1. डिप्रेशन की समस्या :डिलीवरी के बाद कई महिलाएं विभिन्न तरह के मानसिक बदलावों से जूझती हैं। चिंता व तनाव जैसी समस्याएं ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे में आप जितना हो सके खुद को खुश रखें व तनाव से दूर रहें।

2. चिकित्सीय समस्या :ब्रेस्ट मिल्क की कमी होने के पीछे चिकित्सीय समस्या भी हो सकती है, जैसे गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की समस्या।पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)।

3. कुछ दवाओं का प्रभाव :साइनस व एलर्जी जैसी दवाओं के प्रभाव और हार्मोनल बर्थ कंट्रोल की दवाओं के कारण भी ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति में कमी आ सकती है।

4. ब्रेस्ट सर्जरी अगर आपकी पहले कभी ब्रेस्ट सर्जरी हुई है, तो ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति में कमी आ सकती है। आपको बता दें कि ब्रेस्ट सर्जरी से ग्लैंड्यूलर टिश्यू में कमी आ जाती है, जिससे ब्रेस्ट मिल्क आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।

5. धूम्रपान और एल्कोहल :धूम्रपान और एल्कोहल के कारण भी ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति पर असर पड़ता है। जो महिलाएं ज्यादा धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन करती हैं, उनमें ब्रेस्ट मिल्क की कमी होने की समस्या हो सकती है।

6. समय से पहले बच्चे का जन्म – अगर समय से पहले बच्चे का जन्म हो जाता है तो मां के ब्रेस्ट मिल्क नहीं बनता।

7. कम स्तनपान कराना – बच्चे को पहले 3 महीने भर 2 घण्टे बाद स्तनपान कराना चाहिए। 24 घण्टे में आप 8 से 10 बार स्तनपान अवश्य कराएं। बार बार स्तनपान कराने से दूध बनने लगता है। अगर कम स्तनपान कराती है तो दूध बनना बंद हो जाता है।

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मां का दूध/ ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के घरेलू उपाय

शतावरी

ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए शतावरी

शतावरी एक फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ है जो विटामिन ए और के से भरपूर होता है। यह उस हॉर्मोन को प्रोत्साहित करता है जो स्तन के दूध का उत्पादन करता है। इसे रोजाना सुबह-शाम दूध के साथ लेने से दूध बढ़ने लगता है।

सफेद जीरा

ब्रेस्ट मिल्क/ मां का दूध बढ़ाएं सफेद जीरा

सफेद जीरा एक ऐसा घरेलू नुस्खा है जिससे तेजी से दूध बढ़ता है सफेद जीरे को पीसकर पहले चूर्ण बना ले अब इसे सुबह-शाम रोज 1-1 चम्मच दूध के साथ लें । ऐसा करने से कुछ ही समय में मां का दूध बढ़ने लगता है।

सौंफ

ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए सोंफ

सौंफ भी ब्रेस्ट मिल्क को बढानें के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है । सोंफ के लड्डू बनाकर रोज दूध के साथ उसे खाना चाहिए। रोजाना ऐसा करने से जिन लोगों को दूध नहीं आता उन्हें भी काफी ज्यादा दूध आने लगेगा।

दूध

मां का दूध बढ़ाएं दूध

गाय के दूध में सभी गुण मोजुद होते हैं ,गाय के दूध में फॉलिक एसिड, कैल्शियम और गुड फैट पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। यह न केवल दूध उत्पादन में मदद करता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि दूध आपके बच्चे के लिए संतुलित मात्रा में पौष्टिक है। माँ के दूध बढ़ाने के लिए रोज़ाना तीन से चार गिलास दूध पीएं।

मेथी

मैथी के सेवन से ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाएं

इसमें आयरन, विटामिन, कै‍ल्सियम और मिनरल पाए जाते हैं। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड्स की मात्रा भी अधिक होती है। मेथी का प्रयोग काफ़ी सालों से मां के दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा यह प्रसव के बाद की आम समस्याओं को कम करने में भी मदद करती है जैसे पेट फूलना और शरीर में दर्द रहना ,लेकिन इसे ज्‍यादा ना खाएं वरना डीहाइड्रेशन भी हो सकता है।

काले तिल

काले तिल के सेवन से ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाएं

काले तिल को भी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद कर सकता है।

भूरा चावल

ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद करें भूरा चावल

कुछ शोधों से पता चला है कि स्तन में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए भूरा चावल अधिक फायदेमंद होता है। यह दूध के उत्पादन के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। यह माँ को भी अधिक ऊर्जा देता है और स्वस्थ रखता है।

टोफू

टोफू एक सुपरफूड है जिसमें खनिज, विटामिन, कैल्शियम और बहुत सारा प्रोटीन होता है। इसका उपयोग आमतौर पर पूर्व एशिया में स्तन में दूध का उत्पादन बढ़ाने में मदद के लिए किया जाता है। एक संतुलित और माँ के दूध के उत्पादन को बढ़ाने के आप टोफू को अपनी डाइट में शामिल कर सकते है।

मां का दूध बढ़ाएं ये हरी पत्तेदार सब्जियां

ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में सहायक हरी सब्जियां

पालक, केल और मेथी, जैसी हरी और पत्तेदार सब्जियों के सेवन से आपको बहुत से पोषण मिलते हैं – जैसे आयरन, कैल्शियम और फोलेट। इनमें बहुत अधिक विटामिन्स होते हैं। जिस कारण आपके दूध की सप्लाई भी बढ़ती है। इसलिए हरी सब्जियों को भी अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए इन फलों को करें डाइट में शामिल

फल शरीर की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं को खट्टे फलों को छोड़कर अन्य फल जैसे सेब, केला, आम, अनार, पपीता व अन्य को डाइट में शामिल करना चाहिए। इससे स्तनपान कराने वाली महिला को पर्याप्त पोषण मिलता है और उनका दूध बढ़ जाता है।

ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने वाले ड्राय फ्रूट्स/सूखे मेवे

ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने वाले फूड : बादाम व अन्य सूखे मेवे

बादाम, काजू, पिस्ता व अखरोट जैसे सूखे मेवे ऊर्जा और पोषक तत्वों का भंडार होते हैं। ये मां के शरीर में सेरोटोनिन नामक हॉर्मोन का स्तर बढ़ाने में सहायक होते हैं, जो कि स्तनों में दूध का निर्माण करने में मुख्य भूमिका निभाता है, इसलिए सूखे मेवे स्तनपान कराने वाली मां के स्तनों में दूध का उत्पादन बढ़ाने में सहायक होते हैं।

आप दिन के किसी भी समय एक मुट्ठी मिले-जुले सूखे मेवे (काजू, बादाम, मूंगफली, किशमिश, अखरोट आदि) खा सकती हैं

आप पंजीरी, लड्डू, हलवा आदि पकवानों में बादाम व अन्य सूखे मेवे डालकर खा सकती हैं

खजूर

खजूर कैल्शियम व आयरन से भरपूर होते हैं और स्तनपान कराने वाली मां में दूध का उत्पादन बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा इनमें पोटैशियम, विटामिन ए, ग्लूकोज और फाइबर भी पर्याप्त मात्रा में होता है।आप रात को सोते समय एक से डेढ़ गिलास दूध में 8- 10 खजूर उबालकर पी सकती हैं।

सावधानी – गर्मियों में इसका प्रयोग न करें।

ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाएं अंडा

अगर आप नोन वेजीटेरियन है तो आप अंडा खा सकते हैं।अंडा प्रोटीन से भरपूर होता है, इसके अलावा इसमें विटामिन ए, विटामिन बी2 व बी12, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, फॉस्फोरस, और खनिज तत्वों की भी प्रचुर मात्रा पाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि अंडे खाने से स्तनपान कराने वाली मां के दूध की मात्रा और गुणवत्ता, दोनों बढ़ती हैं

ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाएं तैलीय मछली

अगर स्तनपान कराने वाली मां मांसाहार खाती है, तो तैलीय मछली खाने से उसे अपने स्तनों में दूध बढ़ाने में मदद मिल सकती है। तैलीय मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड, अन्य महत्वपूर्ण वसीय अम्ल व विटामिन डी का अच्छा स्रोत होती है, जो मां की अच्छी सेहत के साथ ही शिशु के दिमागी व शारीरिक विकास के लिए बहुत ज़रूरी पोषक तत्व हैं

पहले 6 महीने तक स्तनपान के दौरान न खाएं ये चीजें

खट्टे फल– खट्टे फल खाने से बच्चे को लूज मोशन हो सकते हैं। इसलिए जब तक बच्चे को ठोस आहार खिलाना शुरू न करें तब तक मां को भी खट्टे फलो से परहेज़ करना चाहिए।

मसाले दार भोजन – मसालेदार भोजन करने से मां के दूध में भी इन मसलों का गुण शामिल हो जाता है जो बच्चे के लिए नुकसानदायक है।

एल्कोहोल– एल्कोहोल मां व बच्चे दोनों की सेहत के लिए हानिकारक है।

एलर्जिक चीजें – ऐसी चीजों का सेवन न करें जो मां को एलर्जी करती है। हो सकता है ये आपके बच्चे को भी एलर्जी करें।

कैफीन- अगर आप कॉफी , चाय पीने की आदी हैं, तो स्तनपान के समय पर इसका सेवन न करें। कैफीन का सेवन करने से ब्रेस्ट मिल्क में आयरन का स्तर कम हो सकता है, जिससे बच्चे के हिमोग्लोबिन पर असर पड़ता है

ब्रेस्ट मिल्क आपूर्ति बढ़ाने के तरीके और प्राकृतिक उपाय

ब्रेस्ट फीडिंग कराती हुई मां

ज्यादा से ज्यादा स्तनपान कराएं : आप ज्यादा से ज्यादा देर तक अपने बच्चे को स्तनपान कराएं। जब आपका बच्चा दूध पीता है, तो इससे स्तनों में और दूध बनता है। इसलिए, अपने नवजात शिशु को आप दिन में आठ से 10 बार स्तनपान कराएं।

दोनों स्तनों से स्तनपान कराएं : जब भी आप स्तनपान कराएं, तो बारी-बारी से दोनों स्तनों से स्तनपात कराएं। ऐसा करने से शरीर में दूध उत्पादन की मांग बढ़ेगी। इसके अलावा, आपका बच्चा भी आराम से दूध पी सकेगा। कोशिश करें कि एक बार स्तनपान कराते समय दो से तीन बार दोनों तरफ से बच्चे को दूध पिलाएं।

पंप करें – यदि आपका बच्चा हर दो घंटे बाद दूध नहीं पी रहा तो आप पंप करके दूध को निकाले। या फिर आपका बच्चा एक स्तन से दूध ज्यादा पीता है तो दूसरे स्तन को पंप करते रहे ऐसा करने से दूध पर्याप्त मात्रा में बनता रहता है।

तनाव से बचें : तनाव के कारण भी ब्रेस्ट मिल्क बनने में कठिनाई होती हैं। आपको बता दें कि तनाव के कारण दूध उत्पादन बढ़ाने वाले हार्मोन ऑक्सीटोसिन के उत्पादन में बाधा पहुंचती है।

स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट : जब आपका बच्चा ब्रेस्टफीड कर रहा हो, तो उस समय उसके कपड़े हटाकर खुद से स्पर्श करें। ऐसा करने से शिशु को देर तक स्तनपान करने में मदद मिलेगी और ज्यादा देर स्तनपान करने से ज्यादा दूध

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माँ का दूध पिलाते समय तनाव–मुक्त रहना

माँ के दूध में कम उत्पादन होने का सबसे बड़ा कारण तनाव है। अगर आप प्रसव के बाद तनाव से ग्रसित हैं तो यह आपकी समस्याओं को बढ़ा सकता है। इस स्थिति में आपको मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मदद लेने की आवश्यकता हो सकती है। यह सलाह भी दी जाती है कि आप रोज़ाना ध्यान करें और अपने मन को शांत करने के लिए कुछ कार्य करती रहें।

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