गर्मी और बरसात का मौसम शुरू होते ही मच्छर काटने शुरू कर देते हैं। मच्छरों के काटने से अनेक बीमारियां तो फैलती ही है साथ में मच्छर के काटने के तुरंत बाद खुजली व जलन को रोक पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बड़े तो फिर भी सहन कर जाते हैं लेकिन बच्चों को बहुत मुश्किल होता है, अगर बच्चा छोटा है ,तो उसके लिए तो और भी ज्यादा मुश्किल हो सकता है क्योंकि छोटे बच्चे तो बोल कर कह भी नहीं सकते और ना ही अपने आप खुजली कर सकते । ऐसे में हम और आप ही बच्चों की केयर कर सकते हैं । इसके लिए हम इस लेख में कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं जो मच्छरों के काटने के लक्षण को देखकर आप इनका प्रयोग अपने और अपने बच्चों पर अपना सकते हैं। और मच्छर के काटने के बाद खुजली से राहत पा सकते है।
मच्छर के काटने पर क्यों होती है खुजली व जलन
शरीर में हिस्टामिन नाम का हार्मोन पाया जाता है। जैसे ही मच्छर काटता है ,तो हमारा शरीर तुरंत रिएक्ट करता है, यानी अपनी प्रतिक्रिया देता। और खून मे हिस्टामिन नाम का हार्मोन बढ़ जाता है इसके साथ ही काटने वाली जगह पर व्हाइट ब्लड सेल की मात्रा बढ़ जाती है। इसी वजह से सूजन या खुजली होने लगती है।
मच्छरों के काटने पर अपनाएं घरेलू उपचार

मच्छर के काटने पर बहुत ही असहनीय खुजली व सुजन हो जाती है। ऐसे में हम कुछ घरेलू उपचार करके इससे छुटकारा पा सकते है। ये उपाय खुजली से तुंरत राहत दिला सकते है। ऐसे ही घरेलू उपाय आज हम अपनी इस पोस्ट में आपको बताकर मच्छरों से होने वाली खुजली व सुजन से छुटकारा दिलाने के लिए आपके साथ शेयर करने जा रहे है।
यह भी पढ़ें : बच्चों को मच्छरों से कैसे बचाएं – अपनाएं ये तरीके
- मच्छर के काटने पर करें बर्फ (आइस पैक)का प्रयोग

आइस पैक मच्छर के काटने पर होने वाली खुजली व सुजन को कम करता है। मच्छर के काटने के बाद आइस पैक का एक टुकड़ा लेकर उसे किसी कपड़े में लपेटकर 5 से 10 मिनट के लिए काटने वाली जगह पर लगाएं, ऐसा करने पर आइस पैक रक्त वाहिकाओं को संकुचित करने में मदद करता है, जिससे संक्रमण नहीं फैलता। और खुजली व सुजन में राहत मिलेगी।
- एलोवेरा जेल

एलोवेरा के गुणों को तो सभी जानते ही हैं।और यह हर घर में भी आसानी से मिल जाता है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण मच्छर के काटने पर होने वाली खुजली में तुरंत राहत देते हैं। इसके साथ ही इसमें कूलिंग का भी गुण पाया जाता है। जो मच्छर के काटने पर होने वाली जलन को कम करता है। यह बच्चों के लिए भी सेफ है। इसलिए जब भी मच्छर काटे तो आप एलोवेरा जेल को दिन में तीन चार बार प्रयोग करें। इससे खुजली व जलन के साथ मच्छर काटने का निशान भी नहीं रहेगा।
- मच्छर काटने पर लगाएं प्याज

प्याज में एंटीफंगल गुण होते हैं जो संक्रमण से आपको बचाते हैं। मच्छर के काटने पर प्याज का रस लगाने से आपको जलन और खुजली से राहत मिलेगी। साथ में सुजन भी नहीं होगी। प्याज का एक टुकड़ा काट लें और इसे सीधे प्रभावित स्थान पर कई मिनट के लिए लगा लें। प्याज को हटाने के बाद उस स्थान को धो लें।
- मच्छर काटने पर लगाएं लहसुन

लहसुन का प्रयोग दाद ,खाज को मिटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह मच्छर के काटे हुए को ठीक करने में भी काफी उपयोगी होता है। हालांकि, इसमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लहसुन को सीधे त्वचा पर लगाने से जलन अधिक होती है इसलिए लहसुन को कुचल लें और इसे लोशन या नारियल के तेल में मिला लें। अगर आपने मच्छर काटने की जगह को खुरच दिया है तो इसका प्रयोग न करें इससे जलन हो सकती है।
सावधानी : बच्चों को लहसुन न लगाएं इससे त्वचा पर जलन हो सकती है।
- नारियल तेल

नारियल तेल सबसे अधिक प्रयोग किए जाने वाला तेल है। इसमें विटामिन – ई होने के कारण स्किन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। नारियल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसलिए आप मच्छर के काटने वाली जगह पर नारियल का तेल लगाएं ,इससे निशान और सूजन नहीं आएगी।
- हल्दी

हल्दी का प्रयोग हम चेहरे को निखारने के लिए, जलने या कटने पर करते है। क्योंकि यह प्राकृतिक हीलिंग एजेंट है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट एजेंट होते हैं। इसलिए हल्दी मच्छर के काटने का सबसे अच्छा उपाय है। यह खुजली को शांत करने में मदद करता है। हल्दी की तेज सुगंध से मच्छर पास में भी नहीं आते।
- ग्रीन टी

ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो सुजन को कम कर देती है। गर्म पानी में ग्रीन टी बैग डालें थोड़ी देर बाद ठंडा होने के लिए फ्रीज में रखे, अब इस ठंडे बैग को मच्छर काटने वाली जगह पर लगाएं। यह त्वचा की सूजन और खुजली कम कर देगा।
- शहद

शहद हमारी स्किन के लिए बहुत ही गुणकारी होता है इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता हैं। जो स्किन पर होने वाली खुजली को आराम देता है। इसलिए जब भी मच्छर काटे तो उस पर शहद लगा सकते है।
- बेकिंग सोडा

खुजली को कम करने के लिए बेकिंग सोडा और पानी का मिश्रण लगा सकते हैं। इसके लिए एक चम्मच बेकिंग सोडा में पानी मिलाकर पेस्ट बना लें और इसे मच्छर काटने वाली जगह पर लगाएं। 10 मिनट बाद पेस्ट साफ कर लें।
- तुलसी

तुलसी मच्छर के लार्वा को मारने में अत्यंत प्रभावी है। तुलसी की हरी पत्तियों में यूजेनॉल नामक यौगिक होता है, जो जलन से राहत दिला सकता है। तुलसी के पत्तों का रस निकालकर मच्छर के काटे गए प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे जलन में आराम मिलेगा।
- नींबू

नींबू अम्लीय होने के कारण मच्छर के काटने के प्रभाव को बेअसर करता है। यह दर्द और खुजली भी कम करता है। प्रभावित हिस्से पर नींबू का रस लगाएं। कुछ समय के लिए छोड़ दें। लेकिन ध्यान रहे कि अगर स्किन कट चुकी है या स्किन को आपने खरोंच लिया है तो नींबू का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें। इससे आपको जलन हो सकती है।
- टूथपेस्ट

टूथपेस्ट को हम मधुमक्खी या ततैया के काटने पर लगाते है। इसके लगाने से बिल्कुल भी सुजन नहीं आती। इसलिए इसे मच्छर के काटने पर लगाने से भी जल्दी राहत मिलती है। प्रभावित क्षेत्र पर नीम आधारित या पेपरमिंट टूथपेस्ट लगाएं। पेस्ट को सूखने दें और जब यह छूटने लगे तो इसे ठंडे पानी से हटा दें। ऐसा करने पर जलन व सुजन नहीं होगी।
- नीम का पेस्ट

नीम में एंटीसेप्टिक गुण होते है। नीम किटाणुओं को मारने का काम करता है। साथ में मच्छर के काटने पर इसका रस लगाने से सुजन व जलन में आराम मिलता है। नीम के पत्ते लें और उनका पेस्ट बना लें, और उस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इसके लगाने से निशान भी नहीं होगा।
मच्छर के काटे जाने पर किए गए उपचार में बरतें सावधानी
- ऊपर दिए गए उपाय में कुछ घरेलू उपाय बच्चों पर न करें जैसे – लहसुन, नींबू ।बच्चों की स्किन नाजुक होती है। इन से बच्चे के जलन हो सकती है।
- अगर मच्छर काटने के बाद आपने खरोंच लिया है तो आप बर्फ, एलोवेरा, शहद का ही प्रयोग करें। बाकी बताई गई चीजों का इस्तेमाल ना करें।
- अगर कोई भी घरेलू उपाय करने से आपके प्रभावित हिस्से पर ज्यादा जलन हो तो तुरंत धोएं।
- अगर किसी प्रकार की स्किन एलर्जी है तो उपाय करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।
पोस्ट डिस्क्लेमर – कृपया ज़रूर पढ़ें
हम अपने रीडर्स तक सही जानकारी लाने का पूरा प्रयास करते हैं पर ये हमारे, हमारे जान पहचान के लोगों और हमारे पुर्वजों के नीजी विचार हैं और किसी भी तरीके से प्रोफैशनल , मैडिकल या ऐक्सपर्ट एडवाइस नहीं है और ना ही उस तरीके से समझी जानी चाहिए । कृप्या इस ब्लौग की एडवाइस अपनी समझदारी के अनुसार फौलो करें और ज़रूरत पड़ने पर ऐक्सपर्ट से सम्पर्क ज़रूर करें । इस पोस्ट के लेखक या ये वैबसाईट किसी भी तरीके से इस पोस्ट को पढ़ने के बाद रीडर्स को होने वाली हानी के लिए जि़म्मेदार नहीं हैं ।